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Home » विलेयता क्या होती है तथा इसको प्रभावित करने वाले कारक

विलेयता क्या होती है तथा इसको प्रभावित करने वाले कारक

February 16, 2023 by Ajay Leave a Comment

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इस पोस्ट मे हम 12th class की chemistry मे chapter no. 2 विलयन के एक महत्वपूर्ण टोपिक् के बारे मे चर्चा करेंगे की विलेयता क्या होती है व इसको कौन से कारक प्रभावित करते है इसको सरल व आसान भाषा मे समझेंगे

विलेयता

किसी विलियन मे किसी यौगिक के घुल जाने की क्षमता को विलेयता कहलाती है

ठोसो मे द्रव मे विलेयता

किसी एक निश्चित ताप पर 100 ग्राम विलायक मे ठोस की ग्रामो मे ज्यादा से ज्यादा धुमने की क्षमता को उस ठोस की विलेयता कहलाती है इस अवस्था मे विलियन

ठोसो की विलेयता को प्रभावित करने वाले कारक

विलेय ठोस व विलायक की प्रकृति

आयनिक ठोस, ध्रुवीय विलयको मे घुलनशील होती है जैसे की KCl, NaCl आदि पानी मे घुलने वाले है इनके घुलने का सबसे प्रमुख कारण आयन द्धिध्रुवीय अंतः क्रिया है अलग अलग आयनिक ठोसो की जल मे अलग अलग घुलनशीलता होती है पर वे ठोस जिनकी जालक ऊर्जा बहुत कम और योजन ऊर्जा ज्यादा होती है वे पानी मे अधिक विलेय होते है

ताप

विलेय को विलायक मे घोलने से ऊष्मा का अवशोषण होता है तो ताप बढ़ाने से ठोसो की विलेय मे विलेयता मे वृद्धि होती है जैसे KCl, AgNO3 , NaNO3, KI आदि

विलेय को विलायक मे घोलने पर से ऊष्मा बाहर निकलती है जिस से ताप बढ़ने से ठोस की विलेयता मे कमी होती है जैसे NaNOH आदि

परंतु कुछ साल्ट थोड़ा अजीब व्यवहार दर्शाते हैं जैसे की ग्लूबर salt की विलेयता केवल 32.4 C तक ही बढ़ती है इस से ज्यादा ताप पर इसकी विलेयता कम होती जाती है

गैसो की द्रव मे विलेयता

सभी प्रकार की गैसे पानी मे कम या ज्यादा सीमा तक घुलनशील होते है और वास्तविक विलयन बनाती है किसी गैस का cm2 मे आयतन जो की 1 cm3 पानी मे घुला हो उसे अवशोषण गुणांक कहते है

गैसो की विलेयता को प्रभावित करने वाले कारक

गैस की प्रकृति

वे गैसे को विलयको से क्रिया करती है मतलब वे आयनित होती है होती है और बहुत ज्यादा विलेय होती है

N2, O2 , CO2 पानी के बजाय एथिल अल्कोहल मे ज्यादा विलेय होती है

विलायक की प्रकृति

वे गैसे जिन मे ध्रुवीय अणु होते है व ध्रुवीय  विलयको मे घुलनशील होते है और अध्रुवीय गैसे ध्रुवीय विलयको मे घुलनशील होती है जैसे HCl

ताप का प्रभाव

किसी स्थिर दाब पर ताप बढ़ाने से गैसो की विलेयता घटती जाती है परंतु ताप बढ़ने से पर द्रव मे गैस के अणुओ की स्थानांतरण गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है जिस से गैस के बाहर निकलने की प्रवृत्ति में बढ़ोतरी होती है

दाब का प्रभाव

गैसो की विलेयता दाब के परिवर्तन से बहुत ज्यादा प्रभावित होती है

किसी स्थिर ताप पर किसी भी विलयक मे इकाई आयतन में P दाब पर धुली हुई हो तो m α p होगा जब कभी विलायक के पास एक से ज्यादा गैसे आती है तो प्रत्येक गैस के घुलने की मात्रा उसके उपर लगने वाले आंशिक दाब के समानुपाती होती है

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