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Home » केन्द्रक | लाइसोसोम | लवक की खोज,भाग,कार्य और प्रकार

केन्द्रक | लाइसोसोम | लवक की खोज,भाग,कार्य और प्रकार

July 17, 2022 by Sona Leave a Comment

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केन्द्रक , लवक , लाइसोसोम परिभाषा भाग प्रकार और चित्र

केन्द्रक ( Nucleus )

कोशिका के जीवद्रव्य का वह मुख्य भाग जो आकार में गोल ,अण्डाकार , घने गहरे रंग की रचना हैं , जिसे केन्द्रक कहते हैं |

केन्द्रक ( Nucleus ) की खोज 1831 में रॉबर्ट ब्राउन ने की |

कोशिका में केन्द्रक की संख्या एक होती हैं | केन्द्रक ( शुष्क भार पर आधारित ) में प्रोटीन , फोस्फोलिपिड्स , DNA तथा RNA क्रमशः 70% , 3-5% , 10% , 2-3% पाए जाते हैं |

केन्द्रक के भाग

केन्द्रक मुख्य रूप से चार भागों का बना होता हैं |

  1. केन्द्रक कला ( Nuclear membrane )
  2. केन्द्रक द्रव्य (Nucleoplasm / nuclear sap)
  3. केन्द्रिका ( Nucleolus )
  4. क्रोमेटिन धागे (Chromatin threads / chromatin fiber)

केन्द्रक के कार्य

  1. केन्द्रक को कोशिका का नियंत्रक कहते हैं क्योकि केन्द्रक कोशिका की समस्त जैविक क्रियाओं का नियंत्रण करता हैं |
  2. केन्द्रक आनुवांशिकता में भाग लेते है क्योकि केन्द्रक में गुणसूत्र पाए जाते हैं |
  3. केन्द्रक राइबोसोम का निर्माण करते हैं |
  4. केन्द्रक कोशिका विभाजन ( Cell division ) के समय गुणसूत्र की रक्षा करते हैं |

लाइसोसोम या लयनकाय  ( Lysosomes )

लाइसोसोम कोशिका द्रव्य की अत्यंत सूक्ष्म एवं एकल झिल्ली से घिरी हुयी वेसिकुलर जीवित संरचना हैं , जो कोशिका में पाचन की क्रिया का संचालन करती हैं |

लाइसोसोम की खोज C. de. duve ने चूहे की लिवर कोशिका में की |

लाइसोसोम को नाम Novikoff ( 1956 ) ने दिया था |

लाइसोसोम ज्यादातर जंतु कोशिकाओं में एंजाइम निर्माण करने वाली कोशिकाओं जैसे – अग्नाशय , यकृत , मस्तिष्क, थायरॉइड तथा गुर्दे आदि में पाए जाते हैं | लाइसोसोम में प्रोटिएज , राइबोन्युक्लिएज , डिओक्सीराइबोन्युक्लिएज , फ़ोसफेटेज आदि एन्जाइम पाए जाते हैं , इन सभी को अम्लीय अपघट्य कहते हैं

लाइसोसोम के अन्य नाम –

आत्मघाती थैली ( Suicidal bag ) , डिस्पोजल इकाई , परमाणु बम , डिमोलिशन स्कवैड , कोशिका के सफाई कर्मचारी ( Scavanger of cell ) , पुन चक्रीयकरण केंद्र ( Recycling center ), Cellular house keepers

लाइसोसोम के प्रकार

लाइसोसोम चार प्रकार के होते हैं –

  1. प्राथमिक लाइसोसोम ( Protolysosomes , storage granules )
  2. द्वितीयक लाइसोसोम ( Secondary )
  3. अवशिष्ट काय ( Residual bodies )
  4. ऑटोफैगिक रिक्तिकाएं ( Autophagic vacuoles )

लाइसोसोम के कार्य

  1. लाइसोसोम कोशिका विभाजन ( Cell division ) को आरंभ करते हैं |
  2. लाइसोसोम अस्थियों का निर्माण करते हैं |
  3. जन्तुओं में लाइसोसोम अण्डों में शुक्राणु के प्रवेश में सहायता प्रदान करके निषेचन की क्रिया में योगदान देते हैं |
  4. बीजों में लाइसोसोम अंकुरण की क्रिया को प्रेरित करते हैं |

लवक ( Plastids )

लवक ( Plastids ) गोलाकार , चपटे आकार , रंगीन अथवा रंगहीन एवं पादप कोशिकाओं में पायी जाने वाली , बड़े आकार की केन्द्रक से छोटी रचना हैं

हरे रंग के लवक को हरितलवक , रंगहीन प्लास्टिड को ल्यूकोप्लास्ट तथा रंगीन प्लास्टिड को क्रोमोप्लास्ट कहते हैं | ल्यूकोप्लास्ट दो मेम्ब्रेन युक्त सेमीओटोनोमस कोशिकांग हैं |

हैकेल (Haeckel ) ने 1865 में लवक ( Plastids ) की खोज की |

ए. एफ. डब्ल्यू. एस. शिम्पर (A. F. W. S. schimper ) ने सर्वप्रथम लवक ( Plastids ) शब्द का प्रयोग किया |

लवक ( Plastids ) कवक , जीवाणुओं , नीले-हरे शैवालों , मिक्सोमाइसीट्स आदि में नहीं पाए जाते हैं जबकि नग्न , द्विचक्रीय DNA , 70 ‘s’ राइबोसोम तथा लैमिला सभी लवकों में पाए जाते हैं |

लवक ( Plastids ) के भाग

लवक ( Plastids ) के तीन भाग होते हैं |

1. हरित लवक (Chloroplast)

हरितलवक (Chloroplast) द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण होता हैं | हरितलवक(Chloroplast) में क्लोरोफिल ‘A’ तथा क्लोरोफिल ‘B’ क्रमशः 75% , 25% पाए जाते हैं |

2. वर्णीलवक ( Chromoplast )

वर्णीलवक पौधों के रंगीन भागों जैसे पुष्पों के दलों तथा रंगीन फलों की भित्तियों में पाए जाते हैं |

3. अवर्णीलवक ( Lyukoplast )

अवर्णीलवक रंगहीन तथा भूरे रंग के भागों जैसे – जड़ , जमीन के अंदर के भाग , तने के आंतरिक भाग में पाए जाते हैं |

अवर्णीलवक (Lyucoplast ) कार्य के आधार पर तीन प्रकार के होते हैं –

  1. एमाइलोप्लास्ट – शर्करा का स्टार्च में संचय |
  2. इलायोप्लास्ट – वसा का संचय |
  3. प्रोटीनोप्लास्ट – प्रोटीन का संचय |

लवक के कार्य

  1. हरितलवक के ग्रेना में प्रकाशीय अभिक्रिया द्वारा ATP , NADPH बनाये जाते हैं तथा ऑक्सीजन मुक्त होती हैं|
  2. हरितलवक के स्ट्रोमा में अप्रकाशीय अभिक्रिया द्वारा शर्करा का निर्माण होता हैं |
  3. अवर्णीलवकों द्वारा भोज्य पदार्थों का संचय किया जाता हैं 

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Filed Under: जीव विज्ञान । Biology

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