इस पोस्ट मे हम 12th class के chapter no. 2 विलियन के एक महत्वपूर्ण topic विसरण व परासरण और परासरण दाब क्या होता है इसके बारे मे विस्तार से जानेंगे
विसरण
वह क्रिया या प्रक्रम जिसमे ज्यादा(उच्च) सांद्रता वाले अणु निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर गति करते हैं इसे विसरण कहते है
जैसे पानी से भरी हुई द्रोणी मे कुछ मात्रा मे पोटेशियम परमैग्नेट डालने से हर जगह बैंगनी रंग फैल जाता है
परासरण
वह क्रिया या प्रक्रम जिसमे कम सांद्रता वाले विलियन से अधिक सांद्रता वाले विलियन की तरफ विलायक के अणु अर्द्ध पारगम्य झिल्ली मे से गुजर जाते हैं इसे परासरण कहते है
यदि किसी पानी से भरी हुई द्रोणी मे अर्द्ध पारगम्य झिल्ली से बने कीप मे शर्करा का रंगीन घोल को भर कर इसमे लटका दिया जाता है तो यह कीप अपने मे से विलायक के अणुओ को गुजरने देती है और विलेय के अणुओ को नही गुजरने देती है
अर्द्ध पारगम्य झिल्ली फिनोल या पोटेशियम फेरो सायनाइड जैसे रासायनिक पदार्थों से बनी हुई होती है इस झिल्ली मे बहुत महीन छिद्र होते है जिसमे से विलायक के कण आसानी से गुजर सकते है
परासरण दाब
किसी विलियन पर लगाया गया वह बाह्य दाब जो उसमे अर्द्धपारगम्य झिल्ली मे से विलायक के अणुओ के परवाह को रोकने के लिए जरूरी होता है परासरण दाब कहलाता है
हम एक आयताकार पात्र लेते है और इस पात्र के बीचो बीच पारगम्य झिल्ली लगा देते है व चित्र के अनुसार इसमे दो पिस्टन P1 व P2 लगे हुए होते है इस पात्र के एक भाग A मे विलायक व B मे विलियन से भरते है परासरण की वजह से A भाग के अणु B भाग के अंदर आ जाते है जिस कारण पिस्टन P2 उपर की तरफ उठ जाता है और P1 नीचे की तरफ आ जाता है पिस्टन P2 को उसकी पहले वाली स्थिति मे लाने के लिए इस पर हमे बाह्य दाब लगाना होता है यह दाब विलियन के परासरण को रोकने के लिए जरूरी होता है और यह दाब परासरण दाब के बराबर होता है

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