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इंडक्टर क्या है ? कार्य सिद्धांत | प्रकार | उपयोग

March 1, 2021 by Er. Mahendra Leave a Comment

3.6
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इंडक्टर क्या है ? इसका सिद्धांत क्या है ? एव ये कितने प्रकार के होते है एव इनके क्या उपयोग है |

इंडक्टर क्या है ?इसका सिद्धांत | प्रकार | उपयोग

इंडक्टर एक इलेक्ट्रिकल component होता है  जो  electromagnetic induction के सिद्धांत पर कार्य करता  है | इसका उपयोग इलेक्ट्रिकल energy को स्टोर करने के लिए किया जाता है ये किस प्रकार energy को स्टोर करता है समझने के लिए हम इंडक्टर के structure के बारे में जान लेते है | इंडक्टर का structure एक coil के जेसा होता है जिसे किसी electric कंडक्टर जेसे की wire की मदद  से बनाया जाता है  | और क्यूंकि electrical कंडक्टर का कुछ resistance होता है इसलिये इंडक्टर का भी resistance होता है जिसे inductance के नाम से जाना जाता है |  इसलिए इसे चोक (choke) या reactor के नाम से भी जाना जाता हैं |

इंडक्टर एक प्रकार का passive device होता है जिसका मतलब होता हे की ये energy को generate नहीं करता है केवल energy को स्टोर करने के लिए use  किया जाता है  | इंडक्टर का उपयोग करके किसी circuit में बहने वाली  current के surge या current spikes को slow down किया जाता है जो energy स्टोर करने के कारण होता है फिर इस energy को रिलीज़ करके वापस circuit को दिया जाता है इससे किसी इलेक्ट्रिकल circuit में होने वाले spikes को control किया जा सकता है | इस प्रकार हमने देखा की इंडक्टर का use करके magnetic फील्ड की form में energy को स्टोर किया जा सकता है  |

इंडक्टर का सिद्धांत

जेसा की हम जानते है  इंडक्टर  induction के सिद्धांत पर आधारित device होता है  तो जब इसे किसी electric circuit में लगाया जाता है और circuit में अगर current flow की जाती है तो इसमें एक magnetic फील्ड induce होता है जो की time varying nature का होता  है और जिसके कारन circuit में एक ELECTROMOTIVE FORCE या जिसे शोर्ट में E.M.F. भी कहते है produce होता है इस EMF की एक FIX POLARITY होती है तथा Lenz  law   के  अनुसार ये उसी current को oppose करेगा जिसके कारन ये emf produce हुआ है और इस प्रकार ये इंडक्टर current को oppose करेगा और current में होने वाले changes को भी oppose करेगा | इसका मतलब यह हुआ की circuit में जो current का flow होगा वो rapidly नहीं होगा इसकि जगह current का flow एक linear shape में होगा | यही इंडक्टर का सिद्धांत होता है |

इंडक्टर के प्रकार

इंडक्टर के type की बात करे तो इनकी core के आधार पर  generally three type  के इंडक्टर होते है  

1 .Iron core इंडक्टर

2.Air core इंडक्टर

3.Ferrite core इंडक्टर

Iron core इंडक्टर

जेसा की नाम से ही स्पष्ट है एसे इंडक्टर जिनकी core iron की बनी होती है iron core इंडक्टर कहलाते हे तथा इनका उपयोग एसी जगह किया जाता है जहा low space inductors की जरुरत होती है क्योकि ये इंडक्टर low space इंडक्टर होते है जिनकी high inductance  value एव high power होती  है इनका उपयोग बाकि इंडक्टर की तुलना में बहुत ही लिमिटेड होता हे जेसे की इनका उपयोग audio equipment technology के लिए किया जाता है |

Air core इंडक्टर

ऐसे इंडक्टर जिनकी core बनाने के लिए ceramic नामक material का use किया जाता है उन्हें air core इंडक्टर कहते हे  इनका उपयोग एसी जगह किया जाता है जहा low inductane की जरुरत होती हे क्योकि ceramic material का thermal coefficient low होता हे जिसकी वजह से air core इंडक्टर की stability high हो जाती हे | इसमें use होने वाले wire में number of turn की संख्या जादा होती हे बाकि इंडक्टर core की तुलना में जिससे की इसका high क्वालिटी फैक्टर रहे | इसमें core के लिए कोई ceramic का use होता हे

जिसका एक फायदा यह भी होता हे की इसमें कोई core loss नहीं होता हे तथा high quality factor भी होता हे साथ ही ceramic material की कोई magnetic property भी नहीं होती जिसके कारण इसमें permeability value भी increase नहीं होती हे इसलिए इसका उपयोग मुख्य रूप से high frequency application के लिए किया जाता हे जहा low inductane values की जरुरत होती है |

Ferrite core इंडक्टर

ये ऐसे इंडक्टर होते हे जिनकी core  बनाने के लिए ferrite material का use किया जाता हे ferrite एक एसा material होता हे जो mixture से मिलकर बना होता हे जिसमे कुछ मात्रा में iron के मेटल oxide तथा कुछ मात्रा में crystalline structure के elements होते हे | इस कम्पोजीशन के करण ही इसे ferromagnetic material के नाम से भी जाना जाता हे जिसका फार्मूला इस प्रकार हे  XFE2O4 जहा  X किसी इसे material को represent करता हे जो easily magnetised हो जाए इस प्रकार के material को generally ट्रांजीशन material के नाम से भी जाना जाता हे

generally ferrite भी दो तरह के होते हे एक होता हे Soft ferrite और एक होता हे Hard ferrite अब हम इनके बारे में जान लेते हे की ये क्या होते हे

Soft ferrite

ये ऐसे materials होते हे जो अपनी polarity बदलने या polarity को reverse करने के लिए बाहरी source से energy नहीं लेते हे  सॉफ्ट ferrite कहलाते हे | ये आसानी से अपनी polarity को इसलिए बदल लेते हे क्योंकि इनकी coercivity  बहुत ही low होती हे और high frequency इंडक्टर बनाने के लिए use किये जाते हे |

Hard ferrite

ये ऐसे material होते हे जिनका उपयोग permanent magnet बनाने के लिए किया जाता हे क्योकि ये ऐसे material होते हे जो अपनी polarity को change नहीं करते हे जब magnetic फील्ड को हटा दिया जाए तब भी | इसलिए इनकी जो permeability होती हे वो भी high होती हे जो इंडक्टर की performance को better बनती हे |

कुछ विशेष प्रकार के इंडक्टर

जो हमने अबतक discuss किये इनके आलावा भी कुछ विशेष प्रकार के इंडक्टर होते हे जो इस प्रकार हे

1 .Iron पाउडर इंडक्टर

2 .Laminated core इंडक्टर

3 .Multi लेयर ceramic इंडक्टर

4.Coupled इंडक्टर  

     etc

इंडक्टर के उपयोग

1.इंडक्टर का उपयोग energy को स्टोर करने के लिए किया जाता हे

2.किसी electric circuit में इंडक्टर का use करके signal को control किया जाता हे

3.इंडक्टर का उपयोग capacitor और resistore के साथ filter create करने के लिए भी किया जाता हे

4.इंडक्टर का उपयोग inductive sensor बनाने के लिए भी किया जाता हे

5.इंडक्टर का उपयोग कर उनकी coupling का उपयोग transformer बनाने में किया जाता हे

6. इंडक्शन motor भी इंडक्टर के सिधान्त पर आधारित होती हे   

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Filed Under: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, धारा के चुम्बकीय प्रभाव और चुम्बकत्व Tagged With: इंडक्टर, उपयोग, प्रकार, सिद्धांत

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