इस पोस्ट मे हम 12th chemistry in daily life के एक महत्वपूर्ण टोपिक् के बारे मे चर्चा करेंगे की अपमार्जक क्या होते है ये कितने प्रकार के होते है व इनकी क्या विशेषताएँ होती है जो board Exam मे बहुत बार पूछा जा चुका है
अपमार्जक
सल्फ्यूरिक अम्ल और लंबी श्रंखला वाले हाइड्रोकार्बन के व्युत्पन्नो को अपमार्जक कहा जाता है
इन्हे साबुन रहित साबुन कहा जाता है क्योकि ये साबुन नही होने पर भी साबुन की तरह ही काम करते है इसका सबसे पहले उपयोग 1920 मे शुरू हुआ था
अपमार्जक एक लंबी चैन वाली हाइड्रोकार्बन या सल्फ्यूरिक अमल के सोडियम लवण होते हैं
जैसे –
CH3-(CH2)10 CH2 – O – SO2 – O–Na+
इस तरह के अणुओ का एक आवेशित अर्थात आयनित होता है जो जल स्नेही होता है इसे शीर्ष या सिर कहा जाता है और इसका दूसरा हिस्सा जो जो अधुर्वीय और जल विरोधी होता है पूंछ कहलाता है
पूंछ भाग जल मे अविलेय तथा चिकनाई व तेल जैसी अशुद्धियों मे विलेय होता है
आमार्जक की संरचना भी साबुन की सरंचना के जैसी ही होती है जो निम्न होती है

अपमार्जक के प्रकार
अपमार्जक तीन प्रकार के होते है
ऋणायनी अपमर्जक
धनायनी अपमार्जक अन आयनिक अपमार्जक
अन आयनिक अपमार्जक
1.ऋणायनी अपमर्जक
इस प्रकार के अपमार्जको को बनाने मे एरिल सल्फेट या एल्फिल के सोडियम के लवणो को काम मे लिया जाता है ये अपमार्जक सबसे ज्यादा चलन मे है इसका शीर्ष भाग ऋण आवेशित होता हैहै जैसे – सोडियम लॉटील
2. धनायनी अपमार्जक
इस तरह के अपमार्जको मे अपमार्जक अभिक्रिया तो एक ही अर्थात समान होती है परंतु इनमे अपमार्जन करने वाला आयन धन आयन है और ये साधारणतः चतुष्क अमोनियम लवण होते है
जैसे- R – (CH2)n – N+ (CH3)3 Cl–
3.अन आयनिक अपमार्जक
ये अपमार्जक सब से आधुनिक होते है ये उदासीन अणुओ से युक्त होते है यह अणु उदासीन होते है इसमे अपमार्जन क्रिया करने वाला जल स्नेही सिरा किसी आवेश से आवेशित होने अन आयनिक अपमार्जक
जाता है
जैसे – R – C6H6 – O – CH2 – CH2O CH2 – CH2OH
अपमार्जक की विशेषताएँ
- अपमार्जक प्रबल क्षार व प्रबल अम्ल के द्वारा बनते है इस कारण इसका जल अपघटन नही होता है
- अपमार्जक से कपड़े जल्दी से साफ हो जाते है व ये कपड़े के रंग व रेशे खराब नही होते है
- अपमार्जक कठोर और मृदू जल दोनो मे समान रूप से काम करते है
- अपमार्जको का उपयोग स्नेहको के साथ भी किया जा सकता है
- अपमार्जको से कठोर जल को मृदू जल बना सकते है
डेनियल सेल या विद्युत रासायनिक सेल कि क्रिया विधि । लवण सेतु क्या है । इलेक्ट्रोड की परिभाषा
कीट प्रतिकर्षी , फिरोमोन क्या है?कार्य व उपयोग
रंजक व वर्ण वर्धक क्या है उपयोग, कार्य, प्रकार
प्रति अम्ल क्या है? आवश्यकता व उपयोग
अपमार्जक क्या होते है? प्रकार व विशेषताएँ
Leave a Reply