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Home » विद्युत आवेश किसे कहते है । S.I मात्रक । संरक्षण का नियम । क्वाण्टीकरण

विद्युत आवेश किसे कहते है । S.I मात्रक । संरक्षण का नियम । क्वाण्टीकरण

April 7, 2022 by admin Leave a Comment

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विद्युत आवेश

विद्युत आवेश क्या है S.I मात्रक हिंदी में इसकी परिभाषा और क्वाण्टीकरण तथा आवेश संरक्षण का नियम स्थिर विद्युत यानि Static electricity Competitive exams और 10th,11th और 12 में है यहाँ पर में detail दे रहा हूँ

विद्युत आवेश क्या है?

वे कण जिनके कारण कारण विधुत व चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है आवेश कहलाते है

आवेश की परिभाषा-विद्युत आवेश किसी Object या body पर असंतुलित विद्युत की मात्रा है इसे English में charge कहते है यह static,electric,electrostatic होता है

इसकी definition देना थोडा ठीक नहीं रहा वैसे मेरे हिसाब से यही होना चाहिए unbalanced quantity of electric charge असंतुलित विद्युत की मात्रा का use करना सही रहा जैसे जब हम कहते है की इस object पर इतना आवेश है इसका मतलब है की यह असंतुलित है

कूलॉम आवेश का S.I मात्रक है –

विद्युत आवेश का S.I मात्रक क्या है इसका answer है आवेश का S.I मात्रक कूलॉम है इसे Q से प्रदर्शित करते है

Q यानि आवेश धनात्मक और ऋणात्मक हो सकता है दो या दो से अधिक आवेशों के बीच लगने वाला आकर्षी या प्रतिकर्षी बल का मान हम कूलाम के नियम से निकाल सकते है

यदि दो आवेश Q1 और Q2 r दूरी पर रखे है तो उनके बीच लगने बाला बल F

F=k×Q1×Q2/r²

यहाँ पर k एक परवैध्युतांक है जिसका मान हवा और निर्वात में 1/4πε0 होता है

आवेश के प्रकार –

आवेश 2 प्रकार के होते है

1. धन आवेश –

किसी कण मे इलेक्ट्रॉन की कमी के कारण जो आवेश उत्पन्न होता है उसे धन आवेश कहते है

धन आवेश को +Q से दर्शाया जाता है

2.ऋण आवेश-

किसी कण मे इलेक्ट्रॉन की ज्यादा मात्रा के कारण जो आवेश उत्पन्न होता है उस ऋण आवेश कहते हैं

आवेश को -Q से दर्शाया जाता है

दो एक समान प्रकृति वाले अवेशो के मध्य प्रतिकर्षण वह असमान प्रकृति वाले आवेशों के मध्य आकर्षण होता है

  • कूलाम का नियम

आवेश संरक्षण का नियम

इस नियम के अनुसार आवेश को न तो पैदा किया जा सकता है न ही नष्ट किया जा सकता है पूरा आवेश संरक्षित रहता है

यदि हम किसी object से दुसरे object को आवेश देते है तो पहले बाले पर positive और दुसरे पर नेगेटिव आवेश होगा

आवेश संरक्षण के नियम को प्रसिध्द वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन ने दिया था

आवेश के क्वाण्टीकरण का सिध्दांत

विद्युत आवेश का मान e=1.602×10−19 होता है यह न्यूनतम आवेश है जो किसी वस्तु पर हो सकता है

इस क्वाण्टीकरण के अनुसार किसी वस्तु पर पर आवेश इस न्यूनतम आवेश e=1.602×10−19 का पूर्ण गुणक होता है

किसी बस्तु पर आवेश Q=ne

यहाँ पर n सभी पूर्णांक नंबर है जैसे 1,2,3,4 etc. और e=1.602×10−19 है

अवेशो का योगात्मक गुणधर्म

किसी विलगित निकाय का मकुल आवेश उस निकाय मे मे उपस्थित सभी बिंदुओं पर उपस्थित अवेशो के बीजगणितीय योग के बराबर होता है

Q = Q₁+ Q₂+ Q₃ +Q₄ +Q₅

अवेशो का प्रेरण –

अवेशो का प्रेरण कि दो स्थितिया है

  1. जब किसी धन अवेशित पिंड को किसी अनावेशित पिंड के पास लाया जाता है तो इस क्रिया से अनावेशित पिंड के आयन उत्पन्न होते है और वितरित होने लग जाते है इसमे ऋण आवेश धन अवेशित पिंड के सामने एक हिस्से पर व धन आवेश पिंड के पिछले वाले भाग पर चले जाते है
  1. जब किसी ऋण आवेश को किसी अनावेशित पिंड के पास लाया जाता है और उस अनावेशित पिंड के अवेशो का वितरित शुरू हो जाता है इसमे धन आवेश ऋण अवेशित पिंड मे सामने वाले भाग पर और ऋण आवेश पिंड के पिछले भाग पर चला जाता है

आवेश के मूल गुण

विद्युत आवेश के तीन मूल गुण होते है

जिसमे पहला आवेश का बीजीय योग जिसके अनुसार किसी सर्किट का कुल आवेश उसमे उपस्थित सभी आवेशों के बीजीय योग के बराबर होता है आवेश धनात्मक और ऋण आवेशित प्रकृति के होते है इसलिए इनका बीजीय योग कुल आवेश के बराबर होते है

दूसरा गुण और तीसरा आवेश संरक्षण का नियम और आवेश के क्वाण्टीकरण है जो आप पहले पड़ चुके है

विद्युत आवेश या electric charge की definition आपको मिल गई है और संरक्षण का नियम इसका S.I मात्रक और आवेश के क्वाण्टीकरण की information  आप समझ गए होंगें इस page को share जरूर करें अपने friends से नीचे buttons है और कोई question हो तो comment करें

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Filed Under: physics, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, स्थिर विद्युत Tagged With: स्थिर विद्युत

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