• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Mechanic37

Mechanic37

इंजीनियरिंग और फिजिक्स,केमिस्ट्री

  • My account
  • Cart
  • Products
  • Blog
  • Contact Us
Home » विद्युत द्विध्रुव क्या है व विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण

विद्युत द्विध्रुव क्या है व विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण

February 26, 2022 by admin Leave a Comment

3
(2)
विद्युत द्विध्रुव क्या है

विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा- यदि दो आवेश जिनके बीच की दूरी बहुत कम है और दोनों पर विपरीत आवेश है और बराबर परिमाण है तो इस व्यवस्था या सिस्टम को विद्युत द्विध्रुव कहेंगे विद्युत द्विध्रुव में एक धन आवेश और एक ऋण आवेश कम दूरी पर रखे होते हैं और दोनों आवेशों का परिमाण बराबर होता है

माना कि दो आवेश – q और +q रखे है इनके बीच की दूरी l है जो बहुत कम है तब इसे विद्युत द्विध्रुव कहेंगे और इनके बीच की दूरी को द्विध्रुव की लंबाई कहेंगे

उदाहरण-

परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन यानी धनआवेश और ऋणआवेश होते हैं जिन्हें विद्युत क्षेत्र मे रखा जाता है तो इनके बीच थोड़ी दूरी आ जाती है तो एक विद्युत द्विध्रुव का निर्माण हो जाता है

कुछ अणु जैसे H2O,HCL के धनावेश और ऋणावेश के केंद्र के बीच जगह होती है इसलिए ये अणु विद्युत द्विध्रुव का काम करते है

N₂,H₂,O₂ आदि ऐसे अणु होते है जिनमे धनात्मक एवं ऋण आवेश के केंद्र सम्पाती होते हैं

H₂O,HCL,NH₃ ऐसे अणु है जिनके धनावेशो के द्रव्यमान केंद्र और ऋण अवेशो के केंद्र सम्पाती नहीं होते हैं

विद्युत द्विध्रुव पर आवेश

दोनों आवेश विपरीत चिन्ह के बराबर आवेश होते है द्विध्रुव पर इसलिए कुल आवेश शून्य होगा पर इसके बीच की दूरी के कारण विद्युत क्षेत्र शून्य नही होगा

विद्युत द्विध्रुव के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र

विद्युत द्विध्रुव क्षेत्र की रेखाए

विद्युत द्विध्रुव के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र को द्विध्रुव क्षेत्र कहते हैं विद्युत द्विध्रुव की विद्युत बल रेखाए ऊपर इमेज के जैसी होती है यही विद्युत द्विध्रुव का विद्युत क्षेत्र होता होगा  विद्युत बल रेखाएं काल्पनिक होती है पर इनका व्यवहार वास्तविक होता है

विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण –

वैधुत द्विध्रुव के किसी आवेश और द्विध्रुव के लम्बाई के गुणनफल को उसका वैधुत द्विध्रुव आघूर्ण कहते है

इसे P से दर्शाते है , यह एक सदिश राशि होती है

यदि +q और -q अवेशो से निर्मित वैधुत द्विध्रुव के अवेशो के बीच की दूरी 2a हो तो वैधुत द्विध्रुव आघूर्ण का परिणाम

P = q × 2a

P = 2qa

इसकी दिशा ऋण आवेश से धन आवेश की ओर द्विध्रुव अक्ष के अनुदिश होती है

वैधुत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक कुलाम. मीटर होता है

विमा = [M⁰L¹T¹A¹] होता है

यह पेज विद्युत द्विध्रुव का आपको समझ मे आया होगा यदि कोई प्रश्न होतो कमेंट में लिखें इसको शेयर जरूर करें नीचे बटन है

यह पेज आपको कैसा लगा ?

Average rating 3 / 5. Vote count: 2

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window) WhatsApp
  • Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
  • Click to print (Opens in new window) Print

Filed Under: स्थिर विद्युत Tagged With: स्थिर विद्युत

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

विषय

  • भौतिक विज्ञान
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान 
  • कंप्यूटर 
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स

Footer

Social Media

  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • Youtube

Learn How To Make

  • Drone
  • DIY Robot
  • Website
  • Android Apps?

Policies

  • Shipping and Delivery
  • Refund and Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions

Shop

  • Shop
  • My account
  • Checkout
  • Cart

Mechanic37 2015 - 2024

  • Sitemap
  • Contact Us
  • About Us
  • Advertise
  • Mechanical Notes
  • Electrical Notes
  • Electronic Notes
  • Engineering Projects
  • Physics
  • Chemistry
  • Biology
  • Learn Computer
  • Autocad Tutorial