• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Mechanic37

Mechanic37

इंजीनियरिंग और फिजिक्स,केमिस्ट्री

  • My account
  • Cart
  • Products
  • Blog
  • Contact Us
Home » स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स क्या है ? वर्किंग | उपयोग

स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स क्या है ? वर्किंग | उपयोग

December 26, 2023 by Er.Uddhar Leave a Comment

5
(3)

स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स गियर बॉक्स का एक प्रकार है जो ऑटोमोबाइल्स(गाड़ियों) मैं लगता है। स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स एक मैन्युअल गियर बॉक्स होता है यानी इस प्रकार के गियर बॉक्स को गाड़ी के ड्राइवर को अपने हाथों से ऑपरेट करना होता है। इस प्रकार के गियर बॉक्स मैं गियर बॉक्स के अंदर लगे हुए गियर स्लाइड करते है।

गियरबॉक्स इंजन के पावर को गाड़ी के पहियों तक पहुंचाने में मदद करता है। गियर बॉक्स का मुख्य काम गाड़ी की चलने की क्षमता के अनुसार टॉर्क व गति उपलब्ध कराना होता है। इस बात को हम इस प्रकार से समझ सकते हैं कि जब गाड़ी को स्टार्ट करने के बाद चलाया जाता है तब गाड़ी को टॉर्क ज्यादा चाहिए होता है व स्पीड कम चाहिए होती है और जब गाड़ी तेज़ गति से चलती है तब गाड़ी को टॉर्क कम चाहिए होता है व स्पीड ज्यादा चाहिए होती है मगर गाड़ी के इंजन का स्टार्टिंग आर.पी.एम (रोटेशन पर मिनट) ही दो हजार या दो हजार से ऊपर रहता है इस कारण गियर बॉक्स गाड़ी की जरूरत के हिसाब से गति व टॉर्क का संतुलन बनाए रखता है। टॉर्क किसी भी चीज को घुमाने में लगने वाला बल होता है।

स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स का कंस्ट्रक्शन एंड वर्किंग

स्लाइडिंग मैच गियर बॉक्स के कंस्ट्रक्शन को हम इस फिगर के द्वारा समझ सकते हैं।

स्लाइडिंग मेश गियर बॉक्स मैं एक केसिंग होती है जिसके अंदर इंजन शाफ्ट, आउटपुट शाफ्ट और counter (lay) शाफ्ट होती है। इंजन shaft मैं एक गियर लगा होता है जो इंजन के आरपीएम के बराबर घूमता है। इंजन shaft और इंजन के बीच में क्लच लगी हुई होती है जो जरूरत पड़ने पर शाफ्ट को इंजन से अलग करती है इस कारण इंजन शाफ्ट को क्लच शाफ्ट भी बोला जाता है और गियर को क्लच गियर भी बोला जाता है।

काउंटर शाफ्ट पर अलग-अलग डायमीटर के गियर लगे होते हैं यह गियर शाफ्ट पर फिक्स रहते हैं एवं काउंटर शाफ्ट के साथ ही घूमते है।

आउटपुट shaft पर भी अलग-अलग डायमीटर के गियर लगे होते हैं मगर यह गियर शाफ्ट पर फिक्स नहीं रहते हैं यानी यह गियर शाफ्ट पर लेफ्ट एंड राइट की तरफ move कर सकते हैं। Output shaft पर spline की सहायता से गियर लेफ्ट एंड राइट की तरफ मूव कर सकते हैं। splines- shaft की लंबाई मैं shaft के ऊपर कटी हुई हल्की गहरी पट्टीया होती हैं जिनमें गियर फसे रहते हैं। यह गियर शाफ्ट के साथ ही घूमते हैं साथ ही साथ shaft की लंबाई मैं भी मूव कर सकते हैं। गियर्स को फोर्क की सहायता से लेफ्ट राइट किया जाता है।

Countershaft से एक idler गियर भी जुड़ा होता है जो गाड़ी को रिवर्स में चलाने के काम आता है।

गियर्स Speed और torque को कम-ज्यादा कैसे करते हैं?

जब भी एक बड़ा गियर (जिसमें गियर tooth ज्यादा हों) एक छोटे गियर (जिसमें गियर tooth कम हों) से जुड़ा हुआ होता है तब अगर छोटे गियर से बड़े गियर में पावर ट्रांसफर कर रहे हो तब बड़ा गियर छोटे घर से कम स्पीड में घूमेगा अर्थात torque ज्यादा और स्पीड कम मिलेगी वही अगर बड़े गियर से छोटे गियर में पावर ट्रांसफर कर रहे हो तब छोटा गियर बड़े गियर से ज्यादा स्पीड में घूमेगा अर्थात स्पीड ज्यादा और torque कम मिलेगा।

4-स्पीड स्लाइडिंग मेश गियर बॉक्स के गियर कनेक्शन

आइडियल और न्यूट्रल कनेक्शन

न्यूट्रल कनेक्शन में इंजन शाफ्ट से आने वाली पावर काउंटर शाफ्ट में जाएगी मगर काउंटर शाफ्ट के गियर से आउटपुट शाफ्ट के गियर कनेक्ट ना होने के कारण आउटपुट शाफ्ट में पावर नहीं जाएगी इस कारण इंजन चालू तो रहेगा मगर गाड़ी चलेगी नहीं।

1st गियर कनेक्शन

1st गियर कनेक्शन मैं हम काउंटर शाफ्ट के सबसे छोटे गियर को आउटपुट शाफ्ट के सबसे बड़े गियर से कनेक्ट करते हैं जिसके कारण हमको टार्क ज्यादा व स्पीड कम मिलती है।

2nd गियर कनेक्शन

2nd गियर कनेक्शन में हम काउंटर शाफ्ट के दूसरे छोटे गियर को आउटपुट शाफ्ट के दूसरे बड़े कनेक्ट करते हैं जिसके कारण हमको टार्क थोड़ा कम व स्पीड थोड़ी ज्यादा मिलती है।

3rd गियर कनेक्शन

3rd गियर कनेक्शन में हम आउटपुट शाफ्ट के सबसे छोटे गियर को इंजन शाफ्ट से डायरेक्ट जोड़ देते हैं जिससे हमको टार्क बहुत कम व स्पीड बहुत ज्यादा मिलती है।

रिवर्स गियर कनेक्शन

रिवर्स गियर कनेक्शन में हम आउटपुट शाफ्ट के सबसे बड़े गियर को आइडलर गियर से कनेक्ट करते हैं आइडलर गियर आउटपुट शाफ्ट के रोटेशन को रिवर्स कर देता है जिसके कारण आउटपुट मोशन रिवर्स मिलता है।

हमें स्पीड व टॉर्क में जितने ज्यादा वेरिएशन चाहिए होते हैं हम उतने ज्यादा गियर जोड़ते चले जाते हैं

जितने ज्यादा गियर जोड़ेंगे ड्राइविंग उतनी सरल (smooth) हो जाती है मगर इसके साथ ही गियर बॉक्स का साइज भी बढ़ता चला जाता है इन दोनों परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गियर बॉक्स को डिजाइन किया जाता है।

स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स का उपयोग

स्लाइडिंग मेश गियरबॉक्स को पुराने समय में ऑटोमोबाइल्स गाड़ियों में इस्तेमाल किया जाता था आज के समय में इस प्रकार के गियर बॉक्स को इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसका कंस्ट्रक्शन तो सिंपल होता है मगर इसकी (mechanical efficiency) कार्यक्षमता आउटपुट बहुत कम आता है साथ ही साथ ड्राइवर को भी इस गियर बॉक्स को ऑपरेट करने में कठिनाई होती है। इस प्रकार के गियर बॉक्स को ऑपरेट करने के लिए ड्राइवर बहुत कुशल होना चाहिए।

यह पेज आपको कैसा लगा ?

Average rating 5 / 5. Vote count: 3

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to print (Opens in new window)

Filed Under: Automobile, मैकेनिकल इंजीनियरिंग | Mechanical engineering

मैकेनिकल इंजीनियरिंग

  1. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
  2. Fluid Mechanics | द्रव यांत्रिकी
  3. मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस
  4. Theory of Machine | मशीन सिध्दांत
  5. Refrigeration and Air Conditioning
  6. Strength Of Material | द्रव्य सामर्थ्य
  7. Thermodynamics | उष्मागतिकी

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

विषय

  • भौतिक विज्ञान
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान 
  • कंप्यूटर 
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स

Footer

सोशल मीडिया पर जुड़ें

  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • Youtube

Learn How To Make

  • Drone
  • DIY Robot
  • Website
  • Android Apps?

Policies

  • Shipping and Delivery
  • Refund and Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions

Shop

  • Shop
  • My account
  • Checkout
  • Cart

Mechanic37 2015 - 2024

  • Sitemap
  • Contact Us
  • About Us
  • Advertise
  • Mechanical Notes
  • Electrical Notes
  • Electronic Notes
  • Engineering Projects
  • Physics
  • Chemistry
  • Biology
  • Learn Computer
  • Autocad Tutorial