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फिटर क्या है? कोर्स ,प्रकार  कार्य , सैलरी

January 24, 2023 by Ajay Leave a Comment

4.8
(6)
fittter क्या होते है

फिटर क्या है?.

वह व्यक्ति जो किसी धातु के हिस्सों को मशीन या किसी विशेष जगह पर फिट करने में सक्षम होता है। उसे फिटर कहते हैं

फिटर शब्द को हिंदी में मिस्त्री कहा जाता है।

 फिटर ट्रेड  एक डिप्लोमा कोर्स है।

जिसे  आई टी आई के नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत के छात्रों को करवाया जाता है।

फिटर का फुल फॉर्म क्या होता है?

F —Fitness (शारीरिक रूप से सुदृढ़)

I —–Intelligent (मानसिक रूप से बुद्धिमान)

T—- Talented( कार्य सीखने की योग्यता)

T—- Targeted( लक्ष्य को पाने का इच्छुक)

E—- Efficient( कार्य करने में कुशल)

R —Regularity (नियमितता)

फिटर का कार्य क्या होता है ?

धातु के हिस्सों को मशीन में फिट करके मशीन को संचालित करने योग्य बनाने का या किसी भी वस्तु की फिटिंग करने का कार्य फिटर का होता है।

फिटर कोर्स कितने वर्ष का होता है ?

फिटर आईटीआई कोर्स की अवधि 2 वर्ष की होती है। इसको दसवीं कक्षा की पढ़ाई के पश्चात किया जा सकता है। इस कोर्स के माध्यम से धातु के हिस्सों से मशीन बना कर उसे संचालित(operating) करना सिखाया जाता है।

फिटर कितने प्रकार के होते हैं?

1.सामान्य फिटर ( General Fitter)

2.बेंच फिटर  (bench fitter)

3.पाईप फिटर (pipe fitter)

4.ताला फिटर lock fitter)

5.मेंटेनेंस फिटर (maintenance fitter)

6.असेंबली फिटर (assembly fitter)

7.डाई फिटर (die fitter)

8.मशीन फिटर (Machine fitter)

9.खान फिटर (Mining fitter)

10.पेट्रोल और डीजल फिटर (Petrol diesel fitter)

11.ऑटो फिटर (Auto fitter)

12.टरबाइन फिटर (Turbine fitter)

13.लोकोमोटिव फिटर (Locomotive fitter)

14.विद्युत फिटर (Electrical fitter) इत्यादि।

फिटर की सैलरी?

इस व्यवसाय में अच्छी सैलरी पाने के लिए अच्छे स्किल्स या हुनर का होना बहुत मायने रखता है अगर आपके पास अच्छी स्किल्स है तो

प्राइवेट कंपनियों में 10, 20 हजार रुपए तक मिल जाती  हैं।

 सरकारी जॉब में 20000 से 30000 तक सैलरी मिलती है पद के अनुसार

फिटर ट्रेड में उपयोग किए जाने वाले कुछ टूल—

1.हेक्सा(Hack saw)-

 हेक्सा को हम लोहे काटने की आरी के नाम से भी जानते हैं

 .Hacksaw जिसका इस्तेमाल लोहे जैसी धातु को काटने के लिए किया जाता है. कार्यशाला में अक्सर लोहे की पाइप या लोहे की कुछ टुकड़ों को काटने की आवश्यकता होती है

 जिसके लिए हम लोहे काटने की आरी ( Hacksaw ) का इस्तेमाल करते हैं. लगभग सभी Hacksaw की बनावट C type की होती है. जिसमें ब्लड लगाया जाता है

Hacksaw एडजस्टेबल होती हैं जिन्हें हम अपनी जरूरत के हिसाब से छोटा या बड़ा कर सकते हैं।

2.चीजल (Chisel) —

चीजल(chisel) एक प्रकार का हैण्ड कटिंग टूल होता है

जिसका प्रयोग प्राय: जॉब से अनावश्यक धातु को काटने के लिए किया जाता है |

यह एक ऐसा कटिंग टूल है, जिसका उपयोग फिटर द्वारा कटिंग या चिपिंग संक्रियाए करने के लिए किया जाता है | चीजल को छेनी भी कहा जाता है |

3.फाइल (File) —

कार्य शाला में विभिन्न संक्रियाएं हेतु बहुत से कटिंग टूल प्रयोग किए जाते हैं

जिनके द्वारा आवश्यकतानुसार धातु की छटाई करके सतह को बुरादे के रूप में हटाकर आवश्यकता के अनुसार जॉब( metel)का आकार और साइज प्राप्त कर सकते हैं

फाइल आमतौर पर 100 मि० मी० से 450 मि० मी० तक की बनाई जाती है जो 50 मि० मी० के अंतराल में होती है।

4.स्क्रुड्राइवर(screw driver) —

जिस उपकरण या औजार की सहायता से किसी मशीन या जॉब्स में लगे पेंच(Screw) को ढीला या कसने के लिए उपयोग किया जाता है,

 उसे  पेंचकस (Screw Driver) कहा जाता है |

5.स्पेनर(Spener) –

Spanner एक औजार है ।

स्पैनर का प्रयोग hexagonal और sqaure नट को खोलने और बन्द करने के लिए किया जाता है ।

6.कैलीपर वर्नियर(Verniar caliper) –

फिटिंग करते समय आवश्यक पार्ट का साइज चैक करने में। किसी शाफ्ट का बाहरी व्यास चैक करने में उपयोग होता है

7.माइक्रोमीटर (micro miter)-

माइक्रोमीटर काकादे वर्नियर कैलिपर के समान ही होता है परंतु यह पार्ट का साइज अधिक एक्यूरेसी  यानी शुद्धता से  मापता है

8.डेप्ट मीटर(Depth miter) –

इसका उपयोग गहराई मापने के लिए किया जाता है

9.सियर (siyer) —

सियर इसका उपयोग किसी बड़े जॉब को काटने के लिए किया जाता है

10.ड्रिल(drill)-

ड्रिल एक प्रकार का मल्टी पॉइंट  कटिंग टूल होता है जिसका उपयोग किसी भी जॉब में गोल छिद्र करने के लिए किया जाता है |

 ड्रिल को  ड्रिल मशीन के स्पिंडल में फिट करके जॉब पर छिद्र बनाया जाता है |

ड्रिल की साइज़, जॉब के ड्राइंग के दी गईं माप के अनुसार ली जाती है|

 किसी जॉब में छिद्र बनाने की संक्रिया को ड्रिलिंग कहते हैं|

 ड्रिलिंग संक्रिया  करने के लिए बनायीं गयी विशेष मशीन को ड्रिलिंग मशीन कहते है |

11. ग्राइंडर(grinder) –

यह एक प्रकार का कटिंग टूल होता है, यह अत्यंत छोटे कणों से मिलकर बना होता है।

इसका उपयोग धातु या जॉब में चमक लाने के लिए किया जाता है। यह व्हील कई शेप में बनाए जाते हैं। इन व्हीलों को उपयोग में लाने से पहले ग्राइंडिंग मशीन पर फिट किया जाता है।

12.वी क्लैंप (V clamp) —

वीक्लैंप का उपयोग पाइप को पकड़ने के लिए किया जाता हैl

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Filed Under: मैकेनिकल इंजीनियरिंग | Mechanical engineering

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