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Home » थर्मोकपल क्या है ? सिद्धांत | प्रकार | कार्यविधि | लाभ एव हानि

थर्मोकपल क्या है ? सिद्धांत | प्रकार | कार्यविधि | लाभ एव हानि

March 15, 2021 by Er. Mahendra 1 Comment

2.7
(9)

थर्मोकपल क्या है ? इसका सिद्धांत , प्रकार , लाभ ,हानि समझाइये

थर्मोकपल क्या है ? इसका सिद्धांत , प्रकार , लाभ ,हानि   समझाइये

थर्मोकपल

आज के इस टॉपिक मे हम थर्मोकपल के बारे में समझेंगे जो की एक तापमान को मापने वाला डिवाइस होता है ,तथा साथ ही हम यह भी समझेंगे की  किस प्रकार इसका  उपयोग किया जाता है , इसके कितने प्रकार होते है इन सभी बिन्दुओ पर हम विस्तार से  चर्चा करेंगे | तो अब हम इसके बारे में डिटेल में समझते है ये क्या होता है |

थर्मोकपल एक ऐसा उपकरण ( डिवाइस ) होता है , जिसका  उपयोग तापमान को मापने के लिए किया जाता है | यह एक ऐसा उपकरण होता है जिसका उपयोग करके किसी  फिक्स पॉइंट या बिंदु पर तापमान मापा जाता है |

यह एक प्रकार का उर्जा कनवर्टर होता है जो की थर्मल उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने का काम करता है |

इसे एक और नाम से भी जाना जाता है इसे सेंसर के नाम से भी जाना जाता है | अर्थात ऐसा सेंसर जिसका उपयोग तापमान को मापने के लिये किया जाता है |

यह तापमान का मापन करके आउटपुट के रूप में इलेक्ट्रिक करंट या फिर EMF के रूप में तापमान का मापन करता है | ये इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले तापमान को मापने वाले यंत्रो में से सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला उपकरण होता है |

इसे बनाने के लिए दो अलग –  अलग  धातुओ का उपयोग किया जाता है तथा दोनों धातुओ से दो अलग –  अलग वायर को बाहर निकाल लिया जाता है और फिर इन दोनों वायर को किसी एक सिरे पर कनेक्ट कर  दिया जाता है | अब इसके दुसरे सिरे को किसी थर्मो कपल थर्मो मीटर से या फिर किसी थर्मो कपल डिवाइस से कनेक्ट कर दिया जाता है |

अब जब इसे सही तरीके से कनेक्ट कर दिया जाता है तो इसके द्वारा इंडस्ट्री तथा अन्य जगहों पर  जहा तापमान को मापने की जरुरत होती है वहा  पर ज्यादा रेंज के लिए तापमान का मापन भी इसकी साहयता से किया जा सकता है |  अब हम बात करेंगे इसके सिद्धांत के बारे में की आखिर यह किस सिद्धांत पर आधारित होता है |

थर्मोकपल का सिद्धांत

जब हम थर्मोकपल के सिद्धांत की बात करते है तो हम देखते है की इसमें दो वायर लगे होते है जिनके दोनों सिरे एक लूप की आकृति में जुड़े हुए होते है | और हम एक बात तो जानते ही है की जब भी किसी धातु को गर्म किया जाए या उसे एनर्जी दी जाए तो इलेक्ट्रान का प्रवाह गर्म सिरे से ठंडे सिरे की और होता है |

लेकिन थर्मोकपल में दो अलग –  अलग धातुओ का उपयोग किया जाता है इसलिए जब किसी एक धातु को गर्म किया जाता है या फिर एनर्जी दी जाती है तो इलेक्ट्रान का प्रवाह गर्म धातु से ठंडी धातु की और होने लगता है | अब जब दोनों धातुओ का तापमान अलग –  अलग  रहता है तब इनके बिच तापमान के अंतर के कारण ही इनमे Potentiol का अंतर भी Induce हो जाता है |

अब जब दोनों वायर में जो की धातुओ के बने होते है तापमान के अंतर के कारण इनसे बने हुए लूप में भी तापमान का अंतर उत्पन होता है जिसके कारण इस लूप में एक इलेक्ट्रो मोटिव बल भी उत्त्पन्न हो जाता है |

इस पूरी घटना को थर्मो इलेक्ट्रिक प्रभाव के नाम से से जाना जाता है  | तथा इस प्रभाव के कारण उत्त्पन होने वाले  इलेक्ट्रो मोटिव बल को थर्मो इलेक्ट्रिक क्षमता के नाम से भी जाना जाता है |

तापमान मापने के लिए थर्मोकपल इसी सिधांत का उपयोग करते है | अब हम बात करेंगे इनके प्रकार की |  ये कितने प्रकार के होते है तथा इनका कहा उपयोग होता है इत्यादि |

थर्मोकपल के प्रकार

जब हम इनके प्रकार की बात करते है तो ये कई प्रकार के होते जिनमे से कुछ प्रमुख थर्मोकपल के प्रकार निचे दिए गए  है जैसे की  –  

1 . टाइप B   Thermocouple

2 . टाइप  C   Thermocouple

 3 . टाइप  E   Thermocouple

4 .  टाइप  J   Thermocouple

5 . टाइप  K   Thermocouple

6 . टाइप  N   Thermocouple

7 . टाइप  R   Thermocouple

8 . टाइप  S  Thermocouple

 9 . टाइप  T  Thermocouple

10 . Tungsten  एव Tungston Rhenium Thermocouple

आदि कई प्रकार के Thermocouple होते है जिनमे से कॉमनली उपयोग होने वाले Thermocouple J , K , E , T होते है जिनके लिए तापमान की अलग –  अलग रेंज होती है जिनके लिए इनका उपयोग होता है जैसे की   –

 टाइप  J   Thermocouple   –  0 डिग्री से लेकर 750 डिग्री  सेल्सियस तापमान तक

टाइप  K   Thermocouple –  – 200 डिग्री से लेकर 1250 डिग्री सेल्सियस  तापमान तक

टाइप  E  Thermocouple  –  – 200 डिग्री से लेकर 900 डिग्री सेल्सियस तापमान तक

टाइप  T  Thermocouple –  -250 डिग्री से लेकर 350 डिग्री सेल्सियस तापमान तक

आदि

थर्मोकपल की कार्यविधि

अब हम इसकी कार्यविधि के बारे में बात करते है की आखिर जब इसका उपयोग करके तापमान का मापन किया जाता है तो इसकी कार्यविधि क्या होती है ओर ये किस प्रकार कार्य करता है | हम जानते है की इसे बनाने के लिए दो प्रकार की धातुओ का उपयोग किया जाता है |अब इन धातुओ को जोड़कर दोनों के बिच एक जंक्शन बनाया जाता है |

अब जिस प्रकार ऊपर चित्र में दर्शाया गया है की A तथा B दो जंक्शन दिखाई गयी है अब इन दोनों जंक्शन पर A पर तापमान T1 है तथा B पर तापमान T2 है | अब जिस प्रकार कि हम इसके सिद्धांत में पड़ चुके है दोनों जंक्शन पर अलग –  अलग तापमान होने के कारण इलेक्ट्रो मोटिव फोर्स उत्पन हो जाता है |

अब इस इलेक्ट्रो मोटिव बल को इस सूत्र की सहायता से निकाला जाता है – 

E = a ( ∆ɵ ) + b ( ∆ɵ )2

इस सूत्र का उपयोग किया जाता है |

अब इसके आउटपुट EMF को  मापने के लिए या तो मल्टीमीटर का उपयोग किया जाता है जिसे इसके ठंडे जंक्शन पर लगाया जाता है | या फिर   EMF को मापने के लये विभव मापी का उपयोग भी किया जा सकता है |

या फिर इसके आउटपुट के लिए किसी आउटपुट डिवाइस के साथ किसी एम्पलीफायर का उपयोग  भी किया जा सकता है | अब इसके बाद हम बात करते है इनके लाभ तथा हानि के बारे में |

थर्मोकपल के लाभ

अगर हम इनके उपयोग से होने वाले लाभ के बारे में बात करे तो इनके उपयोग से तापमान को मापने के बहुत से लाभ है उनमे से कुछ के बारे में हम समझते है जैसे की – 

1 . इसके उपयोग से तापमान को मापना अन्य उपकरणों की तुलना में  काफी आसान और सस्ता होता है |

2 . कुछ टाइप के थर्मोकपल का आक्सीकरण प्रतिरोध मजबूत होता है और इनका उपयोग लगातार आक्सीकरण वातावरण में भी किया जा सकता है |

3 . कुछ प्रकार के Thermocouple की परिशुद्धता उच्च होती है जिनका उपयोग लम्बे समय के लिये किया जा सकता है |

4 . इनका उपयोग करने से आउटपुट रेस्पोंस बहुत ही तेज गति से आता है |

5 . तापमान की रेंज ज्यादा होती है |

थर्मोकपल की हानिया

1 . कुछ प्रकार के थर्मोकपल का उपयोग कुछ माध्यम जैसे की Vaccum , सल्फर ,  कार्बन युक्त वायुमंडल , रेडोक्स वैकल्पिक वायुमंडल में इनका उपयोग संभव नहीं हो पाता है |

2 . ये कम सटीक मापन करते है |

3 . उच्च तापमान पर कुछ प्रकार के Thermocouple क्षति ग्रस्त हो जाते है |

4 . इनके उपयोग से मापन के दोरान दोबारा गणना करना मुश्किल होता है |

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Filed Under: physics, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मापन के यन्त्र Tagged With: थर्मोकपल

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Comments

  1. Riya says

    February 4, 2024 at 11:36 am

    It is very good and nice knowledge for me

    Reply

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