• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Mechanic37

Mechanic37

इंजीनियरिंग और फिजिक्स,केमिस्ट्री

  • भौतिक विज्ञान
  • इंजीनियरिंग नोट्स
    • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
    • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
    • इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग
    • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स
  • रसायन
  • जीव विज्ञान
  • कंप्यूटर
Home » जूल के नियम | पहला , दूसरा , तीसरा नियम | उदाहरण

जूल के नियम | पहला , दूसरा , तीसरा नियम | उदाहरण

July 17, 2023 by admin Leave a Comment

4.3
(6)
जूल के नियम हिंदी में

आज के इस article मे हम भौतिक विज्ञान के प्रमुख नियमो मे से वैज्ञानिक जुल द्वारा दिये गए उष्मीय प्रभाव के लिए जुल के तीनो नियमो को आसान व एकदम सरल भाषा मे जानने वाले है आपको ये article पढ़ने के बाद आपके इस टोपिक् से संबंधित सारे डाउट क्लियर हो जाएंगे

जूल के नियम किसी चालक या तार में प्रवाहित हो रही विद्युत धारा अपना कितना और क्या उष्मीय प्रभाव दर्शाती है यह बताते है ये सभी जूल के नियम विद्युत धारा से हो रहे उष्मा उत्पादन को बताते है

जूल का पहला नियम , दूसरा नियम और तीसरा नियम तथा एक साधारण उदाहरण यदि किसी ओवन में 15 Ohm का प्रतिरोध है और उसको 120 V की पावर सप्लाई दी जाती है तो वह 30 मिनट में कितने जूल ऊष्मा पैदा करेगा | का उत्तर आसान तरीके से समझाया गया है

सर्वप्रथम जेम्स प्रेस्कॉट जूल ने इन सभी नियमों को समझाया इन्हीं के नियमों को जूल के तापन या उष्मीय नियमों से जाना जाता है

जूल का पहला नियम – 

यदि किसी चालक या तार में प्रवाहित हो रही धारा की प्रबलता को स्थिर रखा जाए तो विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव से पैदा हुई उष्मा धारा के वर्ग के समानुपाती होती है यही जूल का पहला नियम है

मान लिया जाए कि चालक तार में प्रवाहित हो रही धारा की मात्रा I है और पैदा हुई उष्मा H है तब जूल के पहले नियम से –

H∝i²

यह हम भी समझ सकते है जब हम किसी पंखे को on करते है और रेगुलेटर से स्पीड बड़ा देते है तो बह ज्यादा स्पीड पर ज्यादा गर्म होता है

  • विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव किसे कहते है?

जूल का दूसरा नियम –

जब चालक तार में विद्युत धारा की प्रबलता हो स्थिर रखा जाए और निश्चित समय तक धारा प्रवाहित की जाए तो विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव से पैदा होने वही उष्मा तार के प्रतिरोध या resistance के समानुपाती होती है यह जूल का दूसरा नियम है

मान लो कि चालक तार का प्रतिरोध R है तब जूल के दूसरे नियम से-

H∝R

जूल का तीसरा नियम –

किसी चालक तार में बह रही विद्युत धारा की प्रबलता को स्थिर रखा जाए है तार के प्रतिरोध को स्थिर रखा जाए तब उष्मा उस समय के समानुपाती होती है जितने समय तक धारा प्रवाहित की गई है यानी जितनी ज्यादा देर तक धारा प्रवाहित होती है उतना ज्यादा ही चालक तार गर्म होगा

यानी धारा t समय तक प्रवाहित की जाती है तब जूल के तीसरे नियम  से –

H∝t

अब जूल के पहले ,दुसरे और तीसरे नियम को मिलाने पर –

H∝i²Rt

H=Ki²Rt

K एक स्थिरांक (constant)है यदि H जूल में है और धारा I एम्पेयर में 1 है ,प्रतिरोध R ohm में तथा t सेकंड में हो तब माना K का मान 1 है तब

H=i²Rt जूल

  • Ohm’s Law in Hindi ? ओम का नियम

जूल के नियम का उदाहरण

यदि किसी ओवन में 15 Ohm का प्रतिरोध है और उसको 120 V की पावर सप्लाई दी जाती है तो वह 30 मिनट में कितने जूल ऊष्मा उर्जा पैदा करेगा

प्रतिरोध R = 15 Ohm , वोल्टेज V = 120v , समय t = 30 minutes या 1800 सेकंड

तब विद्युत धारा I = V / R

I = 120v / 15

I = 8A

तब जूल के नियम से ओवन द्वारा 30 मिनट में पैदा की गई गर्मी –

H= i² R t जूल

H = 8² × 15 × 1800 जूल

H = 172800 J Ans.

यह आसान सा न्यूमेरिकल मैंने उदाहरण के तौर पर आपको करके बताया आशा है आपको सही लगा हुआ और समझ आ गया होगा कुछ सवाल जवाब नीचे देखिए

सवाल – जवाब

एक जूल में कितनी कैलोरी होती है ?

1 जूल = 0.000239006 किलोकैलोरी

1 किलोवाट बराबर कितना जूल होता है

1 किलोवाट = 3.6 × 10⁶ J

जूल किसकी इकाई है ?

जूल उर्जा की इकाई है |

1 किलोवाट में कितने हॉर्स पावर होते हैं ?

1 किलोवाट = 1.34102 हॉर्स पावर

विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव से जूल के ऊष्मा उत्पादन सम्बंधित पहला,दूसरा और तीसरा  नियम और उदाहरण सवाल यदि काम आये हो तो इस page को शेयर जरूर करें अपने friends के साथ नीचे buttons है और जूल के तीनों नियमों के सत्यापन जानना चाहते हो तो comment करें |

यह पेज आपको कैसा लगा ?

Average rating 4.3 / 5. Vote count: 6

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to print (Opens in new window)

Filed Under: physics, विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव Tagged With: विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

विषय

  • भौतिक विज्ञान
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान 
  • कंप्यूटर 
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स

Footer

सोशल मीडिया पर जुड़ें

  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram
  • Youtube

बनाना सीखें

  • ड्रोन कैसे बनाएं ?
  • रोबोट कैसे बनाएं ?
  • वेबसाइट कैसे बनाएं ?
  • एंड्राइड एप कैसे बनाएं ?

Policies

  • Shipping and Delivery
  • Refund and Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions

Shop

  • Shop
  • My account
  • Checkout
  • Cart

Mechanic37 2015 - 2024

  • साइटमैप
  • संपर्क करें
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • Mechanical Notes
  • Electrical Notes
  • भौतिक विज्ञान
  • इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग
  • रसायन विज्ञान
  • जीव विज्ञान
  • कंप्यूटर सीखें
  • इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स
  • ऑटोकैड टुटोरिअल