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Home » अपकेंद्रिय बल किसे कहते हैैै।परिभाषा।सूत्र।उदाहरण।अन्‍तर समझाइऐ।

अपकेंद्रिय बल किसे कहते हैैै।परिभाषा।सूत्र।उदाहरण।अन्‍तर समझाइऐ।

March 18, 2022 by Dev Leave a Comment

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देास्‍तो आपने हमारे पिछले लेख मे अभिकेन्‍द्रीय बल बल के बारे मे अच्‍छे  से जान लिया है ।इस लेख मे हम अपकेन्द्रीय बल के बारे मे समस्‍त बाते जो परीक्षा की दृष्टि से महत्‍वपूर्ण है सभी जानकारी एक साथ इस पेज पर जानेगें ।

अपकेंद्रिय बल

जब कोई भी कण किसी वृत्ताकार पथ पर गति करता है तो वहाँ दो बल जरूर उत्पन्न होते है अभिकेंद्रय बल व अपकेंद्रय बल हम यहा अपकेंद्रय बल के बारे मे विस्तार से जानेंगे

अपकेंद्रिय बल किेसे कहते है

वृत्तीय गति करते समय एक समान चाल से गति करते हुऐ पिण्‍ड पर एक बल क्रियाशील रहता है जिसकी दिशा केन्‍द्र से दूर की तरफ होती है ,अपकेंद्रिय बल कहलाता है । अपकेन्‍द्रीय बल की प्रवत्ति केन्‍द्र से दूर भागने की रहती है यह एक आभासी बल होता है जिसका परिमाण अपकेंद्रिय बल के बराबर तथा विपरीत दिशा मे कार्य करता है ।

वास्तव मे अपकेंद्रय बल नही होता है यह एक आभासी बल होता है आभासी बल वे बल होते है जो किसी की वृत्तीय गति के कारण की पर लगते हुए प्रतीत होता होते है

अपकेंद्रिय बल(centrifugal force) की परिभाषा

अपकेन्‍द्रीय बल को सन् 1659 मे क्रिस्टियान हायगन्‍स के द्वारा बताया गया था।

जब किसी वस्‍तु को व्रत्‍ताकार पथ पर गति करायी जाती है तो वह वस्‍तु व्रत्‍ताकार मार्ग के केन्‍द्र के विपरीत दिशा मे एक बल का अनुभव करती है जिसे अपकेंद्रिय बल कहते है।

अपकेंद्रिय बल की उत्‍पत्‍ती जडत्‍व के गुण के कारण होती है ।अपकेन्‍द्रीय बल एक केन्‍द्रपसारक बल होता है।

अपकेंद्रिय बल के उदाहरण

जब हम किसी कार मे यात्रा करते है और कार चालक जब अचानक से कार को बायी ओर मोड देता है तो हम दाॅॅयी ओर को झुक जाते है ।

वाशिंग मशीन से कपडे धोते समय , क्रीम सेपरेटर तथा सेन्‍ट्रीफ्युगल ड्रायर , पृथ्वी का भू – मध्य रेखा पर उभरा हुआ होना, मोड पर गाड़ी का पलटनाआदि सभी अपकेंद्रिय बल के सिद्धांत पर कार्य करते है ।

अपकेन्‍द्रीय बल का सूत्र

अपकेन्‍द्रीय बल =FC =MV2 /R =mr2

यहाॅॅॅ,

M=वस्‍तु का द्रव्‍यमान

V =वस्‍तु का वेग

R = व्रत्‍तीय मार्ग की त्रिज्‍या

ω= आमेगा = वस्‍तु का कोणीय वेग

अपकेन्‍द्रीय बल और अभिकेन्‍द्रीय बल मे अन्‍तर

  • अपकेन्‍द्रीय बल केन्‍द्र से दूर की तरफ लगता है अर्थात् यह एक केन्‍द्रपसारक बल होता है जबकि अभिकेन्‍द्रीय  बल की दिशा केन्‍द्र की तरफ होती है तथा यह केन्‍द्राभिसारी  बल होता है ।
  • अपकेन्‍द्रीय बल एक आभासी बल होता है जबकि  अभिकेन्‍द्रीय बल एक वास्‍तविक बल होता है जो किसी  बस्‍तु  को केन्‍द्र की तरफ रखने  का प्रयास करता है ।
  • अपकेन्‍द्रीय बल की खोज क्रिस्टियन हायगन्‍स ने की थी जबकि अभिकेन्‍द्रीय बल की खोल आइजेक न्‍यूटन ने की थी।

दोस्‍तो आशा करते है आज आपने अपकेन्‍द्रीय बल के बारे मे अच्‍छे से जान लिया  है अगर आपके मन मे अभी  भी अपकेन्‍द्रीय बल से सम्‍बंधित कोई doubt हैै तो कमेंट सेक्‍शन मे अपनी राय जरूर दे तथा अपने दोस्‍तो के सा‍थ share जरूर करैं।

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Filed Under: प्रतियोगी परीक्षा, वृत्तीय गति

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